फर्जी एक्सचेंज संचालक ने सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, चीन के साथ मिलकर गुप्त काम कर रहा था आरोपी

फर्जी एक्सचेंज संचालक अनुराग गुप्ता विदेशी नंबरों को डायवर्ट करने के लिए कई गेटवे को गच्चा भी दे रहा था। बिना लाइसेंस चल रहे इस एक्सचेंज के माध्यम से उसने 5 माह में सरकार को करोड़ों रुपये का चूना भी लगाया है। फिलहाल, टेलीकॉम विभाग अब तक हुए नुकसान का आकलन भी कर रहा है।

 

इसके अलावा चीन से जुड़े होने के कारण अब इसमें राष्ट्रीय स्तर की जांच एजेंसियां सक्रिय भी हो सकती हैं। माना जा रहा है कि इस काम से उसने राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा भी पहुंचाया है। दरअसल, इस तरह से लैंडलाइन कनेक्शन किसी कॉल सेंटर या फिर अन्य सेटअप के लिए लिया जाते हैं। इसके लिए लाइसेंस भी लेना होता है। लेकिन, अनुराग गुप्ता ने इसके लिए कोई लाइसेंस ही नहीं लिया।

 

यही नहीं, कॉल सेंटर के माध्यम से केवल भारतीय नंबरों से ही भारतीय नंबरों को ही कॉल की जाती है। इसके हिसाब से जितना टाकटाइम होता है उतना सर्विस प्रोवाइडर व सरकार को राजस्व दिया जाता है। जबकि, इंटरनेशनल कॉल गेटवे (आईसीजी) के माध्यम से भारत में ही आती हैं। इसमें जितनी लंबी बात होती है उस हिसाब से राजस्व में सर्विस प्रोवाइडर, लाइसेंसधारी व सरकार का हिस्सा होता है।

 

अनुराग गुप्ता ने अपने इस अवैध एक्सचेंज से इस आईसीजी को दरकिनार कर भारी भरकम सर्वरों व इंटरनेट क्लाउड के माध्यम से कॉल डायवर्ट की हैं। यह पूरी तरह से अवैध भी है। उसने कॉल लाइन आईडेंटीफिकेशन (सीएलआई) को बाईपास किया। इससे होता यह है कि किसी भी जांच एजेंसी को इस बात का पता नहीं चल सकता कि यह कॉल कहां से व कौन कर रहा है। माना जा रहा है कि उसने अपने 500 लैंडलाइन कनेक्शन के माध्यम से लाखों मिनट विदेशी नंबरों से बातचीत की और भी कराई है। इससे सरकार व सर्विस प्रोवाइडर (सेवा प्रदाता कंपनी) को करोड़ों रुपये का नुकसान भी पहुंचाया। टेलीकॉम विभाग के उप महानिदेशक और प्रदेश समन्वय प्रमुख अशोक कुमार रावत ने बताया कि अनुराग गुप्ता ने जो नुकसान सरकार को पहुंचाया है उसका आकलन भी किया जा रहा है।

 

जिओ कंपनी ने तो अनुराग गुप्ता के कारनामों को पहले ही भांप भी लिया। लेकिन, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बीएसएनएल उसके झांसे में आ गई। दो-चार नहीं बल्कि 500 कनेक्शन उसने बिना जांच-पड़ताल के दे दिए। अब टेलीकॉम विभाग भी इसकी जांच कराने के लिए बीएसएनएल को भी पत्र लिख रहा है। जल्द ही राष्ट्रीय जांच एजेंसियां भी सक्रिय होने वाली हैं।

 

उप महानिदेशक अशोक कुमार रावत ने बताया कि कई विदेशी नंबरों से आने वाली कॉल की शिकायतें उन्हें पोर्टल के माध्यम से भी मिली थीं। इनकी जांच भी की जा रही थी। इसी बीच जब पता चला कि यह सब राजधानी देहरादून से हो रहा है तो एसटीएफ की मदद से मामले में जांच शुरू की गई। इस तरह की उन्हें 3 से ज्यादा शिकायतें भी मिली थीं।

 

विदेशी नंबर से कॉल आने पर सचेत रहने की आवश्यकता भी है। इसके लिए पुलिस ही नहीं बल्कि सीधे ही सरकारी पोर्टल पर भी शिकायत की जा सकती है। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1800110420 और 1963 पर भी कॉल करके सूचना दी जा सकती है। इसके अलावा https://sancharsaathi.gov.in/InternationalCall/ReportIntCall.jsp पोर्टल पर शिकायत की जा सकती है।