प्रदेश सरकार ने एमडीडीए मानसून सीजन में एक लाख पौधे रोपने की बनाई योजना
एमडीडीए जिस तरह से पौधों की खरीद करेगा, उसी तरह से एक साल तक उनकी देखभाल की कीमत भी देगा। इससे किसी भी पौधे को रोपने के साथ ही उसके जीने की भी गारंटी मिल जाएगी। ऐसी ही शर्त के साथ एमडीडीए टेंडर के माध्यम से 70 हजार पौधों की खरीद कर रहा है। जो मानसून सीजन में रोपे जाएंगे।
बरसात के समय पौधे रोपे जाने से उनके जीवित रहने की संभावना ज्यादा होती है। इसी के चलते प्रदेश सरकार ने मानसून सीजन में एक लाख पौधे रोपने की योजना बनाई है। इस योजना का क्रियान्वयन एमडीडीए कर रहा है। हाल ही में एमडीडीए ने 70 हजार पौधे खरीदने के लिए ई-टेंडर निकाले थे। जिसकी अंतिम तिथि 15 जुलाई थी। लेकिन, अंतिम तिथि तक मात्र फर्म ने ही टेंडर डाले। नियमानुसार किसी टेंडर को जारी करने के लिए कम से कम तीन निविदाएं होनी जरूरी है। न्यूनतम टेंडर नहीं आने से प्रक्रिया को निरस्त करने के साथ ही नए सिरे से टेंडर जारी किए गए हैं। खास बात यह है कि पौधरोपण के लिए गड्ढे खोदने से लेकर उन्हें सालभर तक पानी और खाद देकर देखभाल करने का जिम्मा भी नर्सरी अथवा फर्म का होगा। इसी आधार पर पौधों के रेट भी मांगे गए हैं।
वहीं,एमडीडीए के अधिकारियों का कहना है कि जो भी पौधे रोपे जाएंगे, वे सभी भलीभांति वृद्धि करेंगे। एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि पहली बार में जल्दबाजी में टेंडर निकाले गए थे। इसलिए पर्याप्त संख्या में टेंडर नहीं आए हैं। अब दोबारा से शर्तों के साथ टेंडर जारी किए गए हैं। सरकार का लक्ष्य एक लाख पौधे रोपने का है।