प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग अब 19 फरवरी से जनसुनवाई शुरू करने जा रहा है।

प्रदेश में बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग अब 19 फरवरी से जनसुनवाई शुरू करने जा रहा है। गढ़वाल मंडल में 2 और कुमाऊं मंडल में 2 शहरों में सुनवाई के बाद आयोग अपना निर्णय लेगा व नई विद्युत दरें 1 अप्रैल से लागू हो जाएंगी। आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि देहरादून के अलावा टिहरी गढ़वाल, अल्मोड़ा और रुद्रपुर में भी जनसुनवाई होगी। इसमें कोई भी उपभोक्ता शामिल होकर अपना पक्ष भी रख सकता है। हितधारकों को भी यहां सुनवाई का मौका भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनसुनवाई के बाद ही आयोग बैठक करेगा और विद्युत दरों पर अंतिम निर्णय भी लेगा।

कहां, कब, तिथि और स्थान जनसुनवाई

19 फरवरी, सुबह 10:30 से दोपहर 1 बजे तक – सभागार, नगर पालिका, माल रोड, अल्मोड़ा

20 फरवरी, सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक – सभागार, विकास भवन, नैनीताल रोड, रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर

24 फरवरी, सुबह 11 से दोपहर 1:30 बजे तक – सभागार, जिला पंचायत परिसर, बौराड़ी, नई टिहरी

26 फरवरी, सुबह 10:30 से दोपहर 1:30 बजे तक – सुनवाई कक्ष, विद्युत नियामक आयोग, निकट आईएसबीटी, माजरा, देहरादून

तीनों ऊर्जा निगमों से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव

प्रदेश के तीनों ऊर्जा निगमों ने नियामक आयोग को अगले वित्तीय वर्ष के लिए जो याचिका भेजी हैं, उसके हिसाब से बिजली उपभोक्ताओं पर 30 प्रतिशत तक का बोझ बढ़ सकता है। यूपीसीएल ने विद्युत दरों में 23 प्रतिशत से 27 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी दिया है। यूजेवीएनएल ने पिछले वर्ष के मुकाबले अपने टैरिफ (जिस दर पर वह यूपीसीएल को बिजली देता है) में करीब 23 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी दिया है।

इस प्रस्ताव के हिसाब से यूपीसीएल के टैरिफ पर 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हो जाएगी। यानी इसे जोड़कर यूपीसीएल के टैरिफ में 24.5 प्रतिशत से 28.5 प्रतिशत बढ़ोतरी हो जाएगी। पिटकुल ने ट्रांसमिशन चार्जेज और अन्य रखरखाव के मद्देनजर पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष करीब 48 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव भी दिया है। अगर आयोग इस प्रस्ताव को मानता है तो यूपीसीएल के टैरिफ में इससे करीब 1.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हो जाएगी। यानी तीनों निगमों का कुल मिलाकर प्रस्ताव 26 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। इस प्रस्ताव पर ही नियामक आयोग को इस बार निर्णय भी लेना होगा।