पीएम मुद्रालोन के नाम पर देहरादून में बैठकर ठगी कर रहे एक गिरोह का एसटीएफ ने किया भंडाफोड़ I

पीएम मुद्रालोन के नाम पर देहरादून में बैठकर ठगी कर रहे एक गिरोह का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया। इस गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया है। जबकि, मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ से दूर है। आरोपी प्रेमनगर में एक कॉल सेंटर भी चला रहे थे। ये लोगों से मुद्रा लोन पास कराने व सब्सिडी दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस आदि लेकर ठगी को कर रहे थे। आरोपियों ने कॉल करने के लिए सैकड़ों सिम खरीदे थे, जिनमें से 64 सिम को एसटीएफ ने बरामद किया है। ठगों ने 2 महीने में करीब 1.5 करोड़ रुपये ठगे हैं।

 

एसएसपी, एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि टीम को जानकारी मिली थी कि देश में पीएम मुद्रा लोन के नाम पर ठगी की जा रही है। इसके लिए एसआई विपिन बहुगुणा और नरोत्तम बिष्ट की टीम ने गृह मंत्रालय के पोर्टल आईफोरसी पर जांच भी की। इस पोर्टल से संबंधित पोर्टल प्रतिबिंब पर पाया गया कि जिन नंबरों से ठगी हो रही है उनमें से कई देहरादून के प्रेमनगर इलाके में ही चल रहे हैं। इन मोबाइल नंबरों से संबंधित बैंक खातों की जांच भी की गई तो विभिन्न संदिग्ध लेनदेन भी पाए गए। बहुत से एटीएम से धन की निकासी बार-बार भी हो रही थी। इस बात की जानकारी तो पुख्ता हो गई थी कि गिरोह प्रेमनगर क्षेत्र में ही सक्रिय है लेकिन इनका सरगना कहां है इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पा रही थी।

 

गिरोह के सदस्य फर्जी पते पर जारी कराए गए सिम का प्रयोग भी कर रहे थे। मोबाइल में विशेष तकनीक का प्रयोग कर अपनी लोकेशन बाहर की दर्शा रहे थे। करीब 15 दिनों की पड़ताल के बाद एसटीएफ की टीम ने राहुल चौधरी निवासी गांव करहेटा गोसपुर, कादीपुर, थाना दोस्तपुर, सुल्तानपुर व सिद्धांत चौहान निवासी ग्राम जलूलपुर खेउ़ा, बदांयू को गिरफ्तार भी कर लिया गया। आरोपियों ने बताया कि इस गिरोह का सरगना दीपक राज शर्मा निवासी शिवनपुर, छोटेपट्टी जिला सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश ही है। उसी ने इसकी शुरुआत की और सभी को एक-एक कर जोड़ भी लिया। एसएसपी ने बताया कि आरोपी दीपक राज शर्मा की तलाश अभी की जा रही है।

 

आरोपी राहुल चौधरी ने बताया कि वह 12वीं पास है और उसके पास कोई काम धंधा भी नहीं था। दीपक राज शर्मा उसके पास का ही रहने वाला है। वही उसे देहरादून भी लाया था। उसी ने बताया था कि कॉल कर लोगों को पीएम मुद्रा लोन योजना के बारे में बताकर लोगों की मदद के नाम पर धन भी ऐंठा जा सकता है। इसके लिए वह खुद को सरकारी कर्मचारी भी बताता था। पहले लोगों को कॉल कर उनकी जरूरत पूछी जाती थी फिर उन्हें लोन पास होना भी बताया जाता था। इसके बाद प्रोसेसिंग शुल्क के नाम पर 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के हिसाब से शुल्क लिया जाता था। इस काम के लिए गिरोह 1 हजार रुपये में सिम को खरीदते थे।

 

आरोपी दीपक राज शर्मा ने आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक आदि राज्यों के लोगों को ठगी का शिकार बनाया था। इसके लिए उसने इन्हीं राज्यों के युवाओं को अपने साथ भी जोड़ रखा था। आरोपियों ने दो महीने के भीतर करीब डेढ़ करोड़ रुपये लोगों से ठगे भी थे। बताया जा रहा है कि दीपक राज शर्मा ने ठगी के पैसों से सुद्धोवाला में एक जमीन भी खरीदकर उस पर होस्टल बनाया है। इसके साथ ही उसने ठाकुरपुर में नित्या रेडिमेड गार्मेंट के नाम से दुकान खोल रखी है। आरोपी प्रतिसप्ताह 5 लाख से 6 लाख रुपये की ठगी करते थे।