पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हर बार की तरह उत्तराखंड को भी प्रतिनिधित्व दरकार, एक ही सवाल, किसकी चमकेगी किस्मत

पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में हर बार की तरह उत्तराखंड को भी प्रतिनिधित्व दरकार है। 5 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी के राजनीतिक हलकों में एक ही सवाल तैर रहा है कि अजय भट्ट, अनिल बलूनी, त्रिवेंद्र सिंह रावत व अजय टम्टा में से किसकी किस्मत चमकेगी। हालांकि बीजेपी अपने दम पर सरकार नहीं बनाने जा रही है, इसलिए एनडीए सरकार में उत्तराखंड राज्य के हिस्से में मंत्री पद आना उतना सहज नहीं माना जा रहा है।

 

बहरहाल, राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं भी तेज हो गई हैं कि राज्य के आखिर किस सांसद को इस बार मोदी कैबिनेट में एंट्री मिलेगी। दरअसल, 2014 की मोदी सरकार में उत्तराखंड के अजय टम्टा राज्यमंत्री भी बने थे। लेकिन यह भी देखा गया कि मोदी सरकार में एक बार बदले गए मंत्री को दोबारा मौका भी नहीं मिला। टम्टा एक बार हटे तो फिर कैबिनेट में उनकी कभी वापसी ही नहीं हो पाई।

 

वर्ष 2019 की सरकार में पुराने चेहरे टम्टा के बजाए बतौर शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को भी मौका मिला। नैनीताल से सांसद अजय भट्ट को रक्षा व पर्यटन राज्यमंत्री बनने का अवसर भी प्राप्त हुआ। अब मोदी की तीसरी कैबिनेट में उत्तराखंड के प्रतिनिधित्व को लेकर चर्चाएं भी गरमा रही हैं।

 

उत्तराखंड राज्य से इस बार 2 सांसद अजय भट्ट व अजय टम्टा हैं, जिन्हें मोदी कैबिनेट में रहने का अनुभव भी प्राप्त है। क्या पुरानी परंपरा से जुदा मोदी कैबिनेट में इनमें से किसी चेहरे को मौका भी मिलेगा? टिहरी सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का नाम मंत्री पद को लेकर कभी चर्चाओं में ही नहीं रहा। राजपरिवार ने कभी ऐसी दिलचस्पी जाहिर ही नहीं की। माला के बाद अनिल बलूनी व त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम आते हैं।

 

दोनों ही नेता गढ़वाल क्षेत्र से ताल्लुक भी रखते हैं। बलूनी बीजेपी के दिग्गज अमित शाह के करीबी भी माने जाते हैं। केंद्रीय संगठन में उनकी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी के तौर पर अहम भूमिका भी है। केंद्रीय नेताओं से उनके मधुर रिश्तों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके प्रचार में आए राजनाथ सिंह गढ़वाल के मतदाता को यह इशारा भी कर गए थे कि वे केवल एक सांसद ही नहीं चुन रहे हैं।

 

निचले सदन के लिए चुने जाने से पहले बलूनी राज्यसभा में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। लेकिन केंद्रीय सियासत की बदली तस्वीर में मीडिया प्रभारी के तौर पर उनकी भूमिका काफी महत्वपूर्ण भी हो गई है। ऐसी स्थिति में दूसरा नाम हरिद्वार से सांसद चुने गए त्रिवेंद्र रावत का भी आता है। त्रिवेंद्र भी अमित शाह के करीबी माने जाते हैं वह अमित शाह के साथ संगठन में काम भी कर चुके हैं। उनका लंबा राजनीतिक अनुभव भी है। पूर्व सीएम रह चुके त्रिवेंद्र के नाम की भी सियासी हलकों में चर्चाएं भी हो रही हैं।

 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा केंद्र सरकार में उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए, ऐसी हम अपेक्षा भी कर रहे हैं। परसों केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन भी होगा। हमें पूरा भरोसा है कि मंत्रिमंडल में उत्तराखंड होगा।