पहाड़ में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं, पर पार्किंग व्यवस्था न होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा, कैंची धाम, जागेश्वर या नैनीताल…कहीं नहीं वाहन खड़े करने के इंतजाम

पहाड़ में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं, पर पार्किंग व्यवस्था न होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। भीमताल से सीमांत धारचूला तक कमोबेश यही ही हाल है। हालांकि, कैंची धाम, जागेश्वर में शटल सेवा भी संचालित कर जाम की समस्या से निपटने की कोशिश भी की गई है। नैनीताल जिले में भीमताल, सातताल और नौकुचियाताल में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, पर यहां पर पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं है। सड़क के किनारे वाहन खड़े भी होते हैं। इससे जाम भी लग जाता है। पार्किंग की योजना बनाई गई, पर अभी उसे धरातल पर उतरना भी बाकी है। भवाली में कैंची धाम में श्रद्धालु पहुंच भी रहे हैं, यहां पर भी पर्याप्त पार्किंग नहीं है। वाहन सड़क पर खड़े होते ही हैं।

 

इससे नैनीताल- अल्मोड़ा मार्ग पर जाम की दिक्कत भी बन जाती है। यहां पर जाम की समस्या से निपटने के लिए भवाली से कैंची धाम व मस्जिद चौराहे से कैंची धाम के बीच शनिवार व रविवार को शटल सेवा संचालित भी की जा रही है। वाहन स्वामियों के वाहन दोनों जगह पर पार्क कराने के बाद शटल सेवा से भेजा भी जाता है। अल्मोड़ा जिले में जागेश्वर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं। यहां पर भी पार्किंग की समस्या है। यहां करीब 100 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था है, पर इन दिनों करीब 300 तक वाहन पहुंच रहे हैं। ये वाहन सड़क पर ही खड़े रहते हैं। जाम से निपटने के लिए यहां भी शटल सेवा भी शुरू की गई है।

 

पिथौरागढ़ जनपद में आदि कैलाश में दर्शन के लिए श्रद्धालु भी पहुंच रहे हैं, यहां भी पार्किंग व्यवस्था नहीं होने से आदि कैलाश यात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।

 

व्यापार संघ अध्यक्ष भूपेंद्र थापा का कहना है कि लंबे समय से पार्किंग की मांग भी उठाई जा रही है। आदि कैलाश, पंचाचूली यात्रा में आने वाले यात्रियों व स्थानीय वाहन स्वामियों को पार्किंग नहीं होने से परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। आदि कैलाश टैक्सी आनर्स सोसायटी व्यास घाटी के अध्यक्ष प्रवेश सिंह नबियाल का कहना है कि पार्किंग नहीं होने से वाहनों को खड़ा करने में भी दिक्कत हो रही है। नगरपालिका ने पशुपालन विभाग के अस्पताल के पास पार्किंग बनाने का प्रस्ताव भी बनाया है।

 

चंपावत जिला मुख्यालय में ग्रामीण निर्माण विभाग की ओर से भैरवां में करीब 1 करोड़ की लागत से 120 से अधिक वाहनों की क्षमता वाले बहुमंजिला कार पार्किग का निर्माण करीब 1 वर्ष पूर्व पूरा कर लिया गया है, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से पार्किंग के संचालन के लिए अब तक गाइड लाइन जारी ही नहीं की गई है। इस कारण पार्किंग का लाभ यहां आने वाले पर्यटकों को मिल ही नहीं पा रहा है।

 

टनकपुर में मां पूर्णागिरि धाम में मेले के दौरान अधिक संख्या में श्रद्धालु भी आते हैं। वर्तमान में मेला पूरे चरम पर है व जिला पंचायत की ओर से पार्किंग की अस्थायी व्यवस्था भी की गई है, जबकि अन्य समय के लिए भैरव मंदिर में 150 वाहन क्षमता की स्थायी पार्किंग व्यवस्था है। जिला पंचायत के मेला अधिकारी भगवत पाटनी ने बताया कि मां पूर्णागिरि मेले में पार्किंग की व्यवस्था जिला पंचायत की ओर से ही की जाती है, मेले में बस व बड़े वाहनों के लिए 150 से अधिक वाहनों की क्षमता का बूम में अस्थायी पार्किंग बनाई गई है। जबकि ठूलीगाड़ में 500 बाइक की अस्थायी, चूका रोड पर 1 हजार से अधिक की अस्थायी, भैरव मंदिर में 150 वाहनों की स्थायी व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त अधिक वाहन आने पर उनके लिए पर्याप्त अस्थायी व्यवस्था भी है।

 

भैरव मंदिर में नवनिर्मित पार्किंग के संचालन के लिए गाइडलाइन तैयार भी की जा रही है। प्रशासन की ओर से जिला मुख्यालय के रोडवेज बस स्टेशन परिसर में मल्टी स्टोरी पार्किंग का प्रस्ताव तैयार किया गया है। – हेमंत कुमार वर्मा, एडीएम, चंपावत

 

सभी डीएम को पार्किंग को लेकर पूर्व में पत्र भी भेजा जा चुका है, उन्हें पुनः पत्र भेजा जा रहा है कि पार्किंग की व्यवस्था को सुनिश्चित भी करें। जहां मास्टर प्लान बन रहा है अगर वहां पर कोई निजी भूमि भी है तो उसे पार्किंग के लिए चिह्नित भी कर लिया जाए। -दीपक रावत, कुमाऊं कमिश्नर।