पंजाब में अपने ही बढ़ा रहे कांग्रेस की मुश्किलें, दो दावेदारों ने तो पार्टी ही छोड़ी, जानें वजह

पंजाब में 2019 के लोकसभा चुनाव में 8 सीटों के साथ नंबर-1 पर रही कांग्रेस के लिए इस बार कई चुनौतियां हैं। पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 6 पर जहां टिकट न मिलने से दावेदारों में भारी नाराजगी भी पाई जा रही है और इससे अंदरूनी गुटबाजी भी बढ़ी है। वहीं, 2 सीटों पर नाराज नेताओं ने पार्टी को अलविदा भी कह दिया है, जबकि पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे डॉ. राजकुमार चब्बेवाल ने पार्टी को अलविदा कहकर आप पार्टी भी जॉइन कर ली।

इसके बाद चब्बेवाल को ही आप ने होशियारपुर सीट से कांग्रेस के खिलाफ मैदान में भी उतार दिया है। ऐसे में अपनों के चलते ही इस बार के चुनावों में कांग्रेस का खेल भी बिगड़ सकता है। हालांकि, नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा अब खुद आगे आकर इन सीटों का दौरा करके डैमेज कंट्रोल में भी जुट गए हैं। यह प्रयास कितना सफल होगा, यह तो 4 जून को मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा, लेकिन फिलहाल पंजाब में कांग्रेस में बढ़ते इस अंदरूनी अंतर्कलह से पार्टी हाईकमान में भी चिंता है। यही वजह है कि राहुल गांधी खुद फोन करके नाराज नेताओं को मनाने की कोशिश भी कर रहे हैं। पटियाला की बात करें, तो यहां पूर्व सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी को कांग्रेस जॉइन कराके टिकट देने से टकसाली कांग्रेसियों में भी खासी नाराजगी है। इनमें राजपुरा, घन्नौर और समाना के पूर्व विधायक और मौजूदा हलका इंचार्जों के अलावा पूर्व कैबिनेट मंत्री लाल सिंह और पूर्व विधायक निर्मल सिंह शुतराणा शामिल हैं।

अभी तक यह कांग्रेसी खुलकर डॉ. गांधी के समर्थन में आगे भी नहीं आए हैं। लुधियाना में कांग्रेस के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू के बीजेपी की टिकट से मैदान में उतरने के बाद भारत भूषण आशु को टिकट मिलने की संभावना भी जोर पकड़ रही थी, लेकिन पार्टी ने पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को उम्मीदवार ही बना दिया, जिससे आशु नाराज भी बताए जा रहे हैं। ऊपर से बिट्टू का भी लुधियाना में खासा प्रभाव भी है। ऐसे में यह फैक्टर कांग्रेस के लिए दिक्कतें भी पैदा कर सकता है।

 

अमृतसर में पूर्व डिप्टी सीएम ओपी सोनी भी टिकट के दावेदार भी माने जा रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने मौजूदा सांसद गुरजीत सिंह औजला पर ही दोबारा दांव खेलना ही उचित माना। इससे सोनी खेमा नाराज भी बताया जा रहा है। संगरूर में धुरी से पूर्व विधायक दलवीर सिंह गोल्डी ने टिकट न मिलने से नाराज होकर आप पार्टी का दामन थाम लिया है। गोल्डी के साथ उनके बड़ी संख्या में वर्कर कांग्रेस से भी टूटे हैं। इससे कांग्रेस उम्मीदवार सुखपाल सिंह खैरा के चुनाव प्रचार को भी झटका लग सकता है। वैसे भी खैरा बाहर से ही हैं। उनका हलका भुलत्थ भी है। जालंधर में टिकट न मिलने के चलते पूर्व सांसद चौधरी संतोख सिंह की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी बीजेपी में शामिल हो गई हैं।