नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर सरकारी ने जमीन की खोज तेज , जानें क्या बोले नैनीताल हाईकोर्ट के अधिवक्ता

नैनीताल हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर सरकारी मशीन ने जमीन की खोज अब तेज कर दी है। हालांकि प्रोजेक्ट के लिए जमीन ही फाइनल नहीं हुई है। इस बीच अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि हाईकोर्ट शिफ्ट करना ही है तो ऐसे स्थान पर बनाया जाए जहां सभी आधारभूत सुविधाएं भी उपलब्ध हों और अधिवक्ताओं के हित सुरक्षित रहें।

 

नैनीताल से हाईकोर्ट शिफ्टिंग को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं की राय भी जुदा रही है। कई अधिवक्ता शिफ्ट करने के विरोध में भी हैं तो कुछ इसे हल्द्वानी, रामनगर, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, हल्द्वानी सहित पहाड़ी क्षेत्रों व गैरसैंण आदि में शिफ्ट करने के समर्थक भी थे। हालांकि जब वर्ष 2022 में हाईकोर्ट को हल्द्वानी शिफ्ट करने का राज्य सरकार का कैबिनेट निर्णय हुआ तब से लोगों ने यह मान लिया कि हाईकोर्ट शिफ्ट होगा तो हल्द्वानी में ही होगा। लंबे समय तक प्रयासों के बाद भी जब इसके लिए हल्द्वानी में उपयुक्त स्थान नहीं मिल पाया है तो वे अब सुगम व पर्याप्त सुविधाओं वाले क्षेत्र में हाईकोर्ट चाहते हैं।

 

हाईकोर्ट नैनीताल के अधिवक्ता अवतार सिंह रावत ने कहा हाईकोर्ट जैसी संस्था को यदि शिफ्ट करना जरूरी हो तो ऐसी जगह ले जाना चाहिए जहां उसे यहां से बेहतर भी बनाया जा सके। वैसे नैनीताल में ही हाईकोर्ट रहना चाहिए था I क्योंकि हाईकोर्ट अच्छी जगह पर बहुत सुंदर ही बनाया गया है और नैनीताल में सभी सुविधाएं हैं। यहां आने वाले सभी इसकी सुंदरता व सुविधा की सराहना भी करते हैं। हाईकोर्ट बहुत बड़ी संस्था भी होती है। झारखंड राज्य भी उत्तराखंड के साथ बना था वहां हाईकोर्ट 162 एकड़ भूमि पर भी बना है। इसलिए यदि हाईकोर्ट शिफ्ट किया जाता है तो कम से कम 200 एकड़ भूमि में ही बनाया जाए।

 

हाईकोर्ट नैनीताल अधिवक्ता पीसी मौलेखी ने कहा हाईकोर्ट को अन्य जगह ले जाने के विवाद के चलते अधिवक्ता अपने को सुरक्षित ही महसूस नहीं कर रहे हैं।

 

हाईकोर्ट नैनीताल अधिवक्ता नरेंद्र बाली ने कहा हाईकोर्ट को यदि शिफ्ट किया जाता है तो यह सुनिश्चित ही किया जाए कि वहां सभी प्रकार की सुविधाएं भी हों जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और पार्किंग आदि का विशेष पर भी ध्यान रखा जाए।

 

नैनीताल हाईकोर्ट अधिवक्ता महावीर कोहली ने कहा हाईकोर्ट रामनगर शिफ्ट किया जाए, वहां पर्याप्त भूमि सहित सभी प्रकार की सुविधाएं जुटाना आसान ही है और यह कुमाऊं गढ़वाल के बीच में है। इससे पूरे प्रदेश के लोगों को सुविधा भी रहेगी।

 

नैनीताल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डीसीएस रावत ने कहा हाईकोर्ट शिफ्टिंग का मामला सरकार व उच्च न्यायालय के बीच विचाराधीन है। ऐसे में यह कहना जल्दबाजी ही होगा कि उसे कहां पर शिफ्ट किया जाए। जहां भी शिफ्ट हो वहां आधारभूत सुविधाओं का होना भी जरूरी है। साथ ही अधिवक्ताओं के हित वहां सुरक्षित रहें। अन्य राज्यों की तरह अधिवक्ताओं को वहां हाउसिंग सोसायटी की सुविधा को भी उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए बार एसोसिएशन संघर्षरत भी है।

 

नैनीताल हाईकोर्ट अधिवक्ता पूरन सिंह रावत ने कहा हाईकोर्ट के लिए समूचे कुमाऊं में गौलापार ही सबसे उपयुक्त स्थान भी है, क्योंकि हल्द्वानी में एयरपोर्ट, रेलवे व स्वास्थ्य सुविधाओं के अलावा अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। गौलापार में पूर्व में चयनित भूमि पर हाईकोर्ट की स्थापना भी की जाए व आवासों के लिए आसपास के क्षेत्र में ऐसी भूमि का चयन किया जाए जो वन भूमि भी न हो। इससे बेहतर जगह और कहीं भी नहीं हो सकती है।