धार्मिक आयोजन में ढोल न बजाने पर विवाद, अनुसूचित और सवर्ण जाति के बीच बढ़ती टकराव
धार्मिक आयोजन में अनुसूचित द्वारा ढोल न बजाने पर जुर्माना लगाने से सवर्ण जाति के ग्रामीणों के बीच विवाद हुआ है। इस दौरान अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने सवर्णों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि बहिष्कार करने और सच्चाई व अधिकार से वंचित रखने की धमकी दी जा रही है। इस दौरान अनुसूचित ग्रामीणों के शिकायत दर्ज करने पर पुलिस ने 28 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक यह मामला विकासखंड जोशीमठ के सुभाई-चांचड़ी गांव का है। जहाँ अनुसूचित जाति के ग्रामीणों ने जोशीमठ कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में कहा कि बीते मई में गांव में बैसाखी मेला था। जिसमें उनकी जाति के ढोल वादक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने से वह ढोल नहीं बजा पाए।
आरोप लगाया गया है की ग्रामीणों ने गांव में पंचायत बुलाकर अनुसूचित जाति के परिवारों का बहिष्कार करने और जल, जंगल, जमीन से वंचित रखने का निर्णय लिया है|
जोशीमठ कोतवाली के प्रभारी राकेश भट्ट ने बताया कि गांव के 28 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उधर, सवर्ण जाति के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में होने वाले मेले में विवाद को रोकने के लिए पंचायत हर साल निर्णय लेती है कि कोई भी ग्रामीण विवाद करेगा या शराब पीकर आएगा, तो उसपर दंड लगाया जाएगा। यह व्यवस्था सालों से चली आ रही है। इसी व्यवस्था के तहत ढोलवादक पर जुर्माना लगाया गया था। वहीं, लोगों का बहिष्कार या हक-हकूकों से वंचित करने का आरोप गलत है।
बुधवार को जांच अधिकारी पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद शाह, एसडीएम जोशीमठ चंद्रशेखर वशिष्ट और कोतवाल राकेश चंद्र भट्ट ने गांव में जाकर पीड़ित पक्ष से बात की। उनके बयान लिए गए। साथ ही उन्हें मामले में उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पीड़ित पक्ष की तहरीर पर कुछ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच के लिए बीते बुधवार को गांव में गए थे, प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया है।