धामी सरकार के 2 वर्ष पूरे…सीएम ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को दी श्रद्धांजलि; सरकार की प्रमुख उपलब्धियां भी सामने रखीं

धामी सरकार के दो साल पूरे होने पर गोष्ठी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। देहरादून बीजेपी महानगर के द्वारा आयोजित गोष्ठी में पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को श्रद्धांजलि दी।

 

दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बीते शुक्रवार को अपनी सरकार की प्रमुख उपलब्धियां सामने रखीं। उन्होंने कहा कि इन दो वर्षों में उनकी सरकार ने चुनौतियां का डटकर मुकाबला भी किया और बेरोजगारों, महिलाओं व देवभूमि के हित में सख्त फैसले भी लिए।

 

सीएम ने कहा कि नकल रोकने के लिए जहां कानून बनाया, वहीं भर्ती प्रक्रिया में भी तेजी लाए। इसका नतीजा यह है कि लोक सेवा आयोग में 22 वर्षों में इतनी भर्ती नहीं हुई, जितनी पिछले ढाई वर्ष में हुई। उन्होंने मीडिया के सामने आंकड़े रखे कि लोक सेवा आयोग से 22 वर्षों में 6859 युवाओं को नौकरी भी मिली, जबकि ढाई वर्ष में 7600 की नियुक्तियां भी हुईं।

 

बीजेपी के मीडिया सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जनता से चुनाव में जितने भी वादे किए, उन्हें पूरा भी किया। पत्रकार वार्ता में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल और प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी भी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्ष के कार्यकाल में कई चुनौतियां भी सामने आईं। जोशीमठ भू-धंसाव और सिलक्यारा टनल हादसा भी हुआ। इन चुनौतियों से निपटने में हमें सफलता भी मिली। हमने सख्त निर्णय लिए व सख्त कानून बनाए।

 

सीएम धामी ने कहा कि यूसीसी कानून बनाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य भी है। राष्ट्रपति से विधेयक को भी मंजूरी मिल गई है। कानून को लागू करने के लिए एक कमेटी भी बना दी है। यह कमेटी जल्द अपना काम पूरा भी करेगी और यूसीसी को लागू भी करेंगे। यूसीसी लागू होने के साथ बहुत से लोगों के संदेह दूर हो जाएंगे। यह कानून सभी के भले के लिए भी है। महिलाओं का सशक्तिकरण भी होगा।

 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वर्षों से नकल का अपराध हो रहा था। प्रतियोगी परीक्षाओं में युवाओं इसे हो रहे इस धोखे के खिलाफ हमारी सबसे सख्त कानून भी लाई। देवभूमि की भी अलग ही पहचान है। हमने धर्मांतरण रोकने के लिए ही कानून बनाया। अराजक तत्वों व दंगई से निपटने के लिए दंगारोधी कानून बना दिया। कहा कि मातृशक्ति में आगे बढ़ने की ललक भी है। राज्य सरकार ने उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं भी शुरू की हैं। राज्य की महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के लिए भी कानून बनाया।