‘देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे’ में बन रही एलिवेटेड रोड पर दस मोबाइल टावर लगाकर वन क्षेत्र में आ रही नेटवर्क की दिक्कत को भी दूर किया जाएगा

‘देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे’ में बन रही एलिवेटेड रोड पर दस मोबाइल टावर लगाकर वन क्षेत्र में आ रही नेटवर्क की दिक्कत को भी दूर किया जाएगा एनएचएआई के सहयोग से बीएसएनएल मोहंड व डाट-काली के बीच नेटवर्क देने में भी जुटा है। डाट काली के पास बीएसएनएल ने तीन नए टावर भी लगा दिए हैं। अब आशारोड़ी से डाटकाली मंदिर तक मोबाइल नेटवर्क ओर भी बेहतर आएगा।

 

दिल्ली-देहरादून हाईवे पर मोहंड से डाटकाली तक के 15 किलोमीटर के दायरे में मोबाइल में नेटवर्क भी नहीं रहता है। इसके लिए सालों से प्रयास भी चल रहे हैं, लेकिन वन्य जीव प्रभावित इस क्षेत्र में वन विभाग किसी भी प्रकार की गतिविधि की अनुमति ही नहीं देता है। बीएसएनएल इसके लिए वन विभाग से कई बार अनुमति भी मांग चुका है। फिलहाल बीएसएनएल ने देहरादून से डाट काली मंदिर तक टॉवर लगाकर मोबाइल कनेक्टिविटी भी दे दी है। इसके आगे का काम अटका ही है।

 

विभाग के जीएम अशोक रावत ने बताया कि डाट काली मंदिर तक अब मोबाइल नेटवर्क भी है। इसके बाद का हिस्सा बीएसएनएल की उत्तरप्रदेश यूनिट के पास ही है। एनएचएआई के सहयोग से बीएसएनएल एक्सप्रेसवे पर ही 10 छोटे टावर लगाकर नेटवर्क को उपलब्ध कराएगा। इसके जरिये इस क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी भी विकसित की जाएगी।

 

मोहंड से डाटकाली मंदिर तक पहाड़ी रास्ते में बीएसएनएल अपने टॉवर को लगाएगा। अब जिन मोबाइल कंपनियों की बीएसएनएल के साथ ही नेटवर्क शेयरिंग हैं। उन कंपनियों के नेटवर्क तय शर्तों के मुताबिक उपभोक्ताओं को भी मिल पाएंगे। जियो कंपनी का पहले से ही बीएसएनएल के साथ अनुबंध भी है, अन्य कंपनियों को नेटवर्क के लिए अनुबंध अभी करना पड़ेगा।

 

मोहंड की पहाड़ियों में मोबाइल नेटवर्क को लेकर पूर्व दर्जाधारी और आयकर व औद्योगिक सलाहकार ठाकुर संजय सिंह लंबे समय से विभिन्न स्तरों पर पत्र भेजकर इसकी मांग भी करते रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने जुलाई, 2017 में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भेजा था। तब पीएमओ ने समाधान के लिए यह पत्र मुख्य सचिव उत्तराखंड को भी भेज दिया था। समाधान नहीं होने पर उन्होंने 2019 में दोबारा से पीएमओ को शिकायत की। जवाब में पीएमओ ने यह काम संभव नहीं हो पाने की बात भी कही थी।