दून की लेडी डॉन के पति के हत्यारोपी का मोबाइल फ़ोन और मृतक के शरीर से निकली गोली थाने के मालखाने से गायब, पुलिस में मचा हड़कंप

देहरादून की लेडी डॉन के नाम से चर्चित रही रुचि क्षेत्री के पति के हत्यारोपी का मोबाइल फ़ोन और मृतक के शरीर से निकली गोली थाने के मालखाने से गायब हो गई। न्यायालय ने जब इन महत्वपूर्ण सुबूतों को पेश करने को कहा तो पुलिस भी खोजबीन में जुट गई। पता चला कि ये दोनों सुबूत लंबे समय से ही गायब हैं। इनका रिकॉर्ड न थाने में है और ही कचहरी मालखाने में है। अब एसओ नेहरू कॉलोनी की तहरीर पर गबन का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इसकी जांच एसओ रायपुर पीडी भट्ट ही करेंगे। रुचि क्षेत्री की भी कोरोनाकाल में ही मृत्यु हो चुकी है। रुचि के पति विनय क्षेत्री की बीते 28 जनवरी 2008 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में रुचि क्षेत्री ने नेहरू कॉलोनी थाने में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बदमाश यतेंद्र चौधरी के खिलाफ हत्या का मुकदमा भी दर्ज कराया था। पुलिस ने विनय क्षेत्री के शव का पोस्टमार्टम कराया तो शरीर से एक गोली भी रिकवर हुई। इस गोली और आरोपी यतेंद्र चौधरी के मोबाइल को पुलिस ने मुख्य साक्ष्य के रूप में थाने के मालखाने में जमा भी कराया।

 

उसके बाद पुलिस ने 24 जून 2008 को मुकदमे में चार्जशीट दाखिल की तो इसमें रुचि क्षेत्री को भी आरोपी बनाया गया। पता चला कि रुचि क्षेत्री ने सुमित कुमार, यतेंद्र चौधरी, हरीश कुमार, रामबीर और रामबीर के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की। मुकदमे का ट्रायल भी अपर सत्र न्यायाधीश अष्टम की कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने गत 6 जनवरी को आदेश दिए कि आरोपी का मोबाइल और मृतक के शरीर से रिवकर गोली को 20 जनवरी तक कोर्ट में पेश किया जाए। इस पर पुलिस ने इन दोनों महत्वपूर्ण सुबूतों की ढूंढ खोज भी शुरू की। लेकिन, ये नेहरू कॉलोनी थाने के मालखाने में भी नहीं मिले।

यही नहीं वहां के रजिस्टर में भी इन दोनों महत्वपूर्ण सबूत दर्ज नहीं थे। इसके बाद कचहरी स्थित मालखाने में तलाश की गई तो भी वहां के रजिस्टर में भी इनकी कोई एंट्री नहीं मिली। एसओ नेहरू कॉलोनी मोहन सिंह ने बताया कि इस मामले में अज्ञात के खिलाफ गबन का मुकदमा भी दर्ज किया गया है। एफएसएल से जानकारी भी की जा रही है। मालखाने से ये दोनों साक्ष्य हाल फिलहाल नहीं बल्कि सालों से गायब हैं। साल 2016 में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता की ओर से भी नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी को एक पत्र लिखकर इन दोनों साक्ष्यों को प्रस्तुत करने को कहा गया था। मगर, उस वक्त भी ये दोनों सुबूत थाने के मालखाने में मौजूद भी नहीं थे।