थाना रायपुर देहरादून आज करोडों की चोरी के मामले में दून पुलिस को मिली एक और सफलता, फरार अभियुक्त के पिता को रायपुर पुलिस ने बड़ौद उ0प्र0 से चोरी के 48,00,000/- (अड़तालीस लाख रुपये) के साथ किया गिरफ्तार
चोरी के रुपये को ठिकाने लगाने की योजना को पुलिस ने किया ध्वस्त, पुलिस अब तक कर चुकी है 3,08,00,000/- (तीन करोड़ आठ लाख रुपये ) की बरामदगी।
दिनांक 19-08-2023 को वादिनी मीनू निवासी विश्वनाथ एन्क्लेव रायपुर देहरादून ने दिनांक:- 18-08-2023 की रात्रि में अपने घर से रूपये व ज्वैलरी चोरी होने के सम्बन्ध में एक प्रार्थना पत्र दिया गया। तहरीर के आधार पर थाना हाजा पर भादवि बनाम अज्ञात पंजीकृत कर विवेचना उ0नि0 रमन बिष्ट के सुपुर्द की गयी। क्षेत्राधिकारी डोईवाला देहरादून के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष कुन्दन राम थाना रायपुर के नेतृत्व में पुलिस टीमें गठित की गयी थी। पुलिस टीम द्वारा दिनांक 21-08-2023 को अभियुक्त को विश्वनाथ इन्क्लेव सहस्त्रधारा रोड़ से गिरफ्तार किया गया था, जिसकी निशानदेही पर चोरी किये गये 2,60,00,000/- (दो करोड़ साठ लाख रुपये), 02 ट्राली बैग और 02 वाहन बरामद किये गये थे। पूछताछ पर अभियुक्त द्वारा बताया गया कि उसके साथ घटना को अंजाम देने में उसका एक अन्य साथी निवासी बड़ौद उ0प्र0 भी शामिल था, जिसे उसने अन्य तीसरा रुपयो का बैग दिया था। अभियुक्त वर्तमान में न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार देहरादून में बंद है। उक्त प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये वरिष्ठ उपनिरीक्षक नवीन जोशी एक अन्य टीम को जनपद बड़ौद उ0प्र0 रवाना किया गया।
पुलिस टीम द्वारा फरार अभियुक्त के घर व अन्य सम्भावित जगहों पर दबिश दी गयी, परन्तु वाँछित अभियुक्त फरार मिला। जिसके बारे में आस-पास के लोगो से पूछताछ करने पर जानकारी मिली कि अभियुक्त खेती बाड़ी का काम करता है। पूर्व में देहरादून में भी रह चुका है। अभियुक्त का एक भाई दिल्ली पुलिस में नियुक्त है, जो कि नरेला दिल्ली में ही सरकारी आवास में रहता है। गाँव में अभियुक्त के पिता व पत्नी रहते है। घटना के बाद वह एक दिन अपने घर पर आया था। पुलिस टीम को सूचना मिली कि अभियुक्त के पिता चोरी किये गये रुपयो में से भारी धनराशी को गाँव में ही छिपाने की फिराक में है। जिसके पश्चात् से ही पुलिस टीम द्वारा लगातार अभियुक्त के पिता व अन्य परिवार की निगरानी करनी शुरु कर दी, जिसके परिणाम स्वरुप दिनांक 24-08-2023 को अभियुक्त के पिता को उनके गाँव वाजिदपुर बड़ौद में उन्ही की ट्यूबेल के पास से गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से चोरी की भारी धनराशी कुल 48,00,000/- (अठतालीस लाख रुपये) एक सफेद कट्टे से बरामद की गयी।
अभियुक्त से पूछताछ करने पर बताया कि मेरे दो पुत्र है। बड़ा पुत्र दिल्ली पुलिस में है, जो अपने बच्चो के साथ नरेला दिल्ली में रहता है और छोटा पुत्र अपने परिवार व मेरे सहित गांव में ही रहता है। जो कि खेती बाड़ी का काम करता है। वह करीब 7-8 वर्ष पूर्व देहरादून में भी रह चुका है, जहाँ उसका एक दोस्त रहता है। वे दोनो आपस में मिलकर डम्पर और बिल्डिंग मैटिरियल का काम करते थे। वह कुछ दिन पूर्व इलाहबाद मजदूर लेने के नाम से घर गया था और वह दिनांक 20.08.2023 को वह गाँव में अपने घर पर आया था। जो कि अगले ही दिन बिना कुछ बताये घर से चले गया था। दिनाँक 21.08.2023 को जब मुझे जानकारी मिली की मेरे पुत्र को पुलिस ढूढ रही है तो मै अपने बेटे के पास नरेला दिल्ली गया, जहाँ से मुझे पता चला कि मेरे बेटे ने देहरादून में अपने दोस्त के साथ मिलकर बहुत बड़ी करोड़ो रुपये की चोरी कर रखी है। जिस पर मैने बेटे से बात करी और हमने मिलकर तय किया कि चोरी किये गये रुपये को ठिकाने लगा देते है। पुलिस को और किसी अन्य को भी इस बारे में नहीं बतायेंगे। चोरी के सारे रुपये बड़े बेटे के कमरे में रखे हुये थे। उसमें से गिनकर 48,00,000/-(अडतालीस लाख रुपये) मैने एक सफेद प्लास्टिक के कट्टे में लेकर अपने गाँव की ओर चला तथा शेष रुपयो को बेटा अपने साथ ले गया है। जिसे गाँव आने के बाद मैने अलग-अलग जगह पर छुपाये रखा और दिनांक 24.08.2023 को अपने गाँव में ट्यूबेल के पास जमीन में गाड़ने जा रहा था कि वहीं मुझे पुलिस ने पकड़ लिया।