कौन है रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज?

राम मंदिर के गर्भगृह पर रामलला की जिस मूर्ति को स्थापित किया गया है। सभी यह जानना चाहते हैं कि आखिर किसने इतनी मनमोहक मूर्ति का निर्मान किया है।

तो चलिये जानते है उस मूर्तिकार के बारे मे जिसकी चर्चा देश ही नही बल्कि विदेशो तक हो रही है।

अयोध्या में रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों की जा चुकी है। इसे लाखों लोगों ने अपने घरों और मंदिरों में टेलीविजन पर देखा। आपको बता दे कि राम मंदिर के गर्भगृह पर रामलला की जिस मूर्ति को स्थापित किया गया है। उसे मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। वह कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर के मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों के परिवार

 

से हैं। अरुण के पिता और दादा भी प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। अरुण ने एमबीए किया है और 2008 से मूर्तिकला शुरू करने से पहले एक निजी कंपनी में काम किया करते थे।

 

51 इंच की है रामलला की मूर्ति

राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला की जिस दिव्य मूर्ति को स्थापित किया गया है, वह 51 इंच की है। रामलला की मूर्ति शिला पत्थर से बनाई गई है। पत्थर कई मायनों में खास है। दूध से स्नान कराने पर भी पत्थर में कोई बदलाव नहीं होगा। कहा जा रहा है कि मूर्ति में हजार से अधिक वर्षों तक कुछ बदलाव नही आएगा। अरुण योगीराज को भारत सरकार व कर्नाटक सरकार से कई पुरस्कार मिले हैं, लेकिन भगवान रामलला की इस अद्भुत प्रतिमा ने उन्हें इतिहास के पन्नों में अंकित करा दिया है ।

मूर्तिकार अरुण योगीराज ने कहा कि वह धरती पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं। पूर्वजों और परिवार का आशीर्वाद है। कभी-कभी उनको लगता है कि जैसे वह सपनों की दुनिया में हैं। यह उनके जीवन का सबसे बड़ा दिन है।

 

योगीराज के गुरु थे उनके पिता –

योगीराज ने मूर्तिकला की बारीकियां अपने पिता से सीखीं। उन्होने
अयोध्या के राम मंदिर में राम लला की मूर्ति
केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की मूर्ति
केआर नगर में भगवान योगनरसिम्हा स्वामी की 7 फीट ऊंची मूर्ति
मैसूर जिले के चुंचनकट्टे में 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा
मैसूर में भगवान गरुड़ की 5 फीट की मूर्ति
बीआर अंबेडकर की 15 फीट ऊंची मूर्ति बनायी है

पुरस्कार-

योगीराज को अब तक
मैसूर जिला प्रशासन द्वारा नलवाड़ी पुरस्कार 2020
मैसूरु जिला प्राधिकरण द्वारा राज्योत्सव पुरस्कार
कर्नाटक सरकार द्वारा जकनचारी पुरस्कार
2014 में भारत सरकार द्वारा साउथ जोन यंग टैलेंटेड आर्टिस्ट अवार्ड
मूर्तिकार संघ द्वारा शिल्पा कौस्तुभा पुरस्कार आदि कई अन्य पुरस्कारो से सम्मानित किया जा चुका है