एम्स ऋषिकेश ने बीते 12 वर्षाें में देश को 574 चिकित्सक दिए, वहीं, चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश के सर्वोच्च 50 चिकित्सा संस्थानों की सूची में 22वें स्थान पर अपनी जगह बनाई है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने बीते 12 वर्षो में देश को 574 चिकित्सक भी दिए हैं। वहीं, चिकित्सा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए देश के सर्वोच्च 50 चिकित्सा संस्थानों की सूची में 22वें स्थान पर अपनी जगह भी बनाई है।

 

एम्स ऋषिकेश का शिलान्यास 1 फरवरी 2004 को तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज ने ही किया था। भवन निर्माण आदि पूरा होने के बाद 27 मई, वर्ष 2013 से एम्स में ओपीडी की शुरुआत हुई। इसी वर्ष 30 दिसंबर से आईपीडी की सुविधा शुरू की गई थी। सितंबर माह, वर्ष 2012 से एम्स में एमबीबीएस बैच की शुरुआत भी हुई।

 

साल 2014 में यहां नर्सिंग कॉलेज का संचालन भी शुरू किया गया। स्थापना के बाद से एम्स ने स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में लगातार नए आयाम स्थापित भी किए। विभिन्न स्वास्थ्य सेवाओं के संचालन के अलावा अपने मेडिकल कॉलेज के माध्यम से एम्स अब तक 574 एमबीबीएस तैयार कर देश की सेवा में समर्पित भी कर चुका हैं।

 

एम्स के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम की 125 सीटें भी हैं। वर्तमान में यहां एमडी, एमएस, एमडीएस, डीएम, एमसीएच, पीएचडी, मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ, एमएससी नर्सिंग व बीएससी एलाइड हेल्थ के पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं। चिकित्सकों को तैयार करने के लिए 214 फैकल्टी भी हैं। जिसमें 60 प्रोफेसर, 64 एडिशनल प्रोफेसर, 60 एसोसिएट प्रोफेसर व 30 असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। हालांकि फेकल्टी के कुल 305 पद ही स्वीकृत हैं।

 

एम्स ऋषिकेश ने एक वर्ष में नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की रैंकिंग में 27 पायदान का सुधार भी किया है। साल 2022 में एम्स की रैंकिंग में 49वें स्थान पर भी थी। 2023 की रैंकिंग में जबरदस्त सुधार करते हुए 22वें पायदान पर स्थान भी बनाया है।

 

सिम्युलेशन लैब का उद्घाटन साल 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया था। इसे एडवांस सेंटर ऑफ मेडिकल सिम्युलेशन एंड स्किल्स नाम भी दिया गया। यह लैब एक मल्टी डिपार्टमेंट की भांति कार्य भी करती है। जिसमें प्रशिक्षण, वर्कशॉप और कॉन्फ्रेंस आदि गतिविधियां संचालित की जाती हैं। अभी तक इस लैब से मेडिकल क्षेत्र के 29 हजार 469 लोगों को प्रशिक्षित भी किया जा चुका है। संस्थान की डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान में स्थापित सिम्युलेशन लैब देश की सर्वश्रेष्ठ भी है।

 

संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि एम्स के विस्तारीकरण के लिए उत्तराखंड राज्य सरकार से 200 एकड़ भूमि एम्स को दी जानी प्रस्तावित है। भूमि मिलने पर एम्स में स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य करने के अलावा मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में फार्मेसी इंस्टीट्यूट, पैरामेडिकल साइंसेस इंस्टीट्यूट, दंत चिकित्सा महाविद्यालय व एकेडेमिक ब्लॉक निर्मित भी किया जाएगा।