एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने चारधाम से संबंधित सभी जिला प्रभारियों से धामों की क्षमता के अनुसार ही यात्रियों को आगे की ओर भेजने के निर्देश

एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने चारधाम से संबंधित सभी जिला प्रभारियों से धामों की क्षमता के अनुसार ही यात्रियों को आगे की ओर भेजने के निर्देश भी दिए हैं। कहा है कि भीड़ अधिक होने पर बैरियर पर ही लोगों को रोका जाए। यातायात व्यवस्था को सुचारू भी रखा जाए।

 

एडीजी ने पुलिस अधीक्षक रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी धामों की सुरक्षा के लिए बनाई गई सुरक्षा स्कीम के अनुरूप कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। अत्यधिक भीड़ व यातायात जाम के मद्देनजर यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिला कप्तानों के किए गए कार्यों की समीक्षा भी की। कहा कि यमुनोत्री धाम के लिए बनाए गए बैरियर से बोटल नैक तक की व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए पृथक से सीओ को भी नियुक्त किया जाए।

 

खाने-पीने व आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था, पीए सिस्टम के माध्यम से यात्रियों को धामों की वर्तमान स्थिति व आवश्यक जानकारियां भी समय-समय पर देने के निर्देश दिए। पार्किंगों बेहतर उपयोग, मेले व अन्य आयोजनों की अनुमति पर रोक लगाने के भी निर्देश दिए। कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश में स्थापित ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन केंद्रों पर पीए सिस्टम के माध्यम से यात्रियों को धामों, यातायात और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराते रहें।

 

ये है जारी किए गए निर्देश

  • नियुक्त पुलिस बल की ब्रीफिंग, मनोबल बढ़ाते हुए मॉनिटरिंग भी करें
  • भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जेसीबी की व्यवस्था भी हो
  • सीमावर्ती जिलों के पुलिस प्रभारियों से यात्रियों को यात्रा मार्ग पर भेजने के संबंध में वार्ता कर अग्रेत्तर कार्रवाई भी की जाए।
  • धामों, यात्रा मार्गों पर मौजूद यात्रियों की पूर्ण जानकारी भी रखी जाए, जिससे क्षमता से अधिक यात्री एक स्थान पर एकत्रित होने की स्थिति में सीमावर्ती जनपदों में रुकवाया भी जा सके।
  • यातायात व्यवस्था की नियमित रूप से मॉनिटरिंग, ड्यूटियों में परिवर्तन की आवश्यकता हो तो उसके अनुरूप पुलिस बल को नियुक्ति भी किया जाए
  • चिन्हित बोटल नैक व दुर्घटना संभावित क्षेत्रों पर नियमित रूप से पुलिस बल की नियुक्ति भी की जाए
  • गढ़वाल परिक्षेत्र के सभी जनपद प्रभारी चारधाम यात्रा के दौरान आ रही नई चुनौतियों की स्वयं समीक्षा करके निराकरण भी करें।
  • हरिद्वार, देहरादून, टिहरी व पौड़ी से निर्धारित क्षमता के अनुसार ही यात्रियों को धामों के लिए भेजना सुनिश्चित करेंगे। शेष यात्रियों को अलग-अलग स्थान पर रोकने की व्यवस्था भी करेंगे।
  • भीड़-भाड़ वाले स्थानों, पार्किंग स्थलों व अन्य महत्वपूर्ण स्थलों पर पीए सिस्टम स्थापित कर यात्रियों को यातायात और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं से लगातार अवगत भी कराया जाए।
  • स्थायी पार्किंग फुल होने की संभावना के दृष्टिगत समय रहते नए पार्किंग स्थानों को भी चिन्हित किया जाए
  • ड्रोन का अधिक से अधिक प्रयोग कर यातायात व्यवस्था की निगरानी भी की जाए
  • ट्रैफिक डायवर्जन करने की स्थिति डायवर्जन का समय से प्रचार-प्रसार भी किया जाए।