एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाएगी केंद्र सरकार:‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ की शुरुआत

पीएम नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम से दिल्ली लौटते ही ‘प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना’ लाने का ऐलान किया। इस योजना के तहत केंद्र सरकार एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाएगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X की पोस्ट में कहा, ‘सूर्यवंशी भगवान श्री राम के आलोक से विश्व के सभी भक्तगण सदैव ऊर्जा प्राप्त करते हैं। अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा ये संकल्प और प्रशस्त हुआ कि भारतवासियों के घर की छत पर उनका अपना सोलर रूफटॉप सिस्टम हो।

अयोध्या से लौटते ही मैंने पहला निर्णय लिया है कि हमारी सरकार एक करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना प्रारंभ करेगी। इससे गरीब और मध्यम वर्ग का बिजली बिल तो कम होगा ही, साथ ही देश ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।’

आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के घरों पर लगाए जाएंगे रूफटॉप सोलर
इस योजना के तहत सरकार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के घरों पर रूफटॉप सोलर इंस्टॉल करेगी।

क्या होता है रूफटॉप सोलर पैनल
रूफटॉप सोलर पैनल घर की छत पर लगाए जाते हैं। इन पैनलों में सोलर की प्लेट लगी होती है। जो सूर्य की किरणों से ऊर्जा सोखकर बिजली प्रोड्यूस करती है। इन पैनल में फोटोवोल्टिक सेल्स लगे होते हैं जो सौर ऊर्जा को बिजली में कन्वर्ट कर देते हैं। ये बिजली भी वैसे ही काम करती है जो पावर ग्रिड से मिलने वाली बिजली करती है।


सोलर पैनल लगाने का खर्च

सोलर पैनल से बिजली प्रोड्यूस करने का जितना भी खर्च होता है वो पैनल के मॉड्यूल और इनवर्टर पर निर्भर करता है। 1 किलोवॉट का सोलर पैनल लगाने का खर्च 45 से 85 हजार रुपए तक आता है। इसके अलावा बैटरी का खर्च होगा। इसी तरह 5 किलोवॉट का सोलर पैनल लगवाने का खर्च 2.25 से 3.25 लाख रुपए तक होगा।

सोलर पैनल सिस्टम के फायदे

सोलर पैनल सिस्टम से घर में ही बिजली प्रोड्यूस होती है।
पावर ग्रिड से मिलने वाली बिजली से सस्ती और सुविधाजनक है।
सोलर पैनल के लिए अलग से जगह की जरूरत नहीं, छत पर लगाया जा सकता हैं।
सोलर पैनल के लिए सरकार सब्सिडी देती है, जिससे इसे खरीदना आसान होता है।
सोलर पैनल की लाइफ 25 साल होती है और साथ ही इसके मरम्मत या मेंटेनेंस की जरूरत नहीं पड़ती।
बस इसकी समय-समय पर साफ करना जरूरी होता है, ताकि सूर्य की रोशनी पैनल पर ठीक से पड़े।
इसकी सबसे अच्छी बात ये है की इससे प्रदूषण नहीं होता, साथ ही ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी आती है और पर्यावरण संरक्षण भी होता है।