एक्शन मोड में कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत, वीडियो कांफ्रेसिंग कर दिए सख्त निर्देश; जंगलों में आग लगाने वालों की अब खैर नहीं

कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने मुख्य वन संरक्षक कुमाऊं पीके पात्रों को दिए निर्देश कि वह वनाग्नि के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों में पैनी नजर भी रखें व जंगलों में आग लगाने वाले शरारती तत्वों पर एफआईआर भी दर्ज कराएं। जंगल की आग बुझाने में पीआरडी जवान व होमगार्ड भी सहयोग करेंगे।

 

कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत बीते बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेसिंग से वन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। दीपक रावत ने कहा कि कहीं से भी जंगल में आग लगने की सूचना मिले, उस पर तुरंत ही कार्रवाई हो। उन्होंने स्थानीय स्तर पर प्रभारी वनाधिकारी स्तर पर अधिकारी नामित करने व लोगों को जागरूक करने के निर्देश भी दिए। मुख्य वन संरक्षक पात्रों ने आयुक्त को बताया कि सभी डीएफओ को फायर वॉचरों की तैनाती अपने स्तर से करने के निर्देश भी दिए हैं। सीसीएफ ने कहा कि उन्हें पीआरडी व होमगार्ड के साथ लोगों की जरूरत है। इस पर आयुक्त ने कहा कि जिला स्तर से पीआरडी और होमगार्ड की तैनाती शीघ्र कर दी जाएगी। कहा कि वनाग्नि प्रभावित क्षेत्रों में ग्राम विकास अधिकारी की ओर से स्थानीय लोगों की सीजनल तैनाती भी की जाएगी। दीपक रावत ने कहा मुख्य रोड के आसपास आग लगने पर फायर ब्रिगेड की तैनाती भी की जाएगी।

 

पर्वतीय क्षेत्रों के जंगल में आग लगने का सिलसिला अब भी जारी है। बीते बृहस्पतिवार को भीमताल में पांडेछोड़ के तोक तय्या में जंगल की आग नवीन चड्ढा की भूमि पर ही पहुंच गई। इससे अखरोट के पौधे भी जलकर नष्ट हो गए। साथ ही प्लांट पर लगाए अन्य प्रजातियों के पौधे झुलस गए। वहीं जून स्टेट, सातताल से लगे जंगलों में आग लगी रही। वन विभाग व फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने में लगी रही। ताड़ीखेत ब्लॉक के चापड़ गांव के जंगल में आग से वन संपदा को भी नुकसान पहुंचा है। देर शाम तक जंगलों में लगी आग बुझ ही नहीं पाई थी।