उत्तराखंड में 52 हजार ऐसे मतदाता, जिन्हें 55 में से किसी दल का या निर्दलीय कोई प्रत्याशी पसंद ही नहीं आया, अल्मोड़ा में सबसे अधिक

उत्तराखंड में 52 हजार ऐसे मतदाता भी हैं, जिन्हें 55 में से किसी भी दल का या निर्दलीय कोई प्रत्याशी पसंद ही नहीं आया है। उन्होंने अपनी इस नापसंदगी को ईवीएम में नोटा का बटन दबाकर जाहिर भी किया है। प्रदेशभर में इस बार 52,630 मतदाताओं ने नोटा यानी नन ऑफ द एबव का प्रयोग भी किया। वही अल्मोड़ा में सर्वाधिक 16,697 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया। गढ़वाल में 11,224, नैनीताल में 10,425, टिहरी में 7458 व हरिद्वार में 6826 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग भी किया है। खास बात ये है कि केवल ईवीएम ही नहीं बल्कि पोस्टल बैलेट में भी नोटा के मत ही निकले हैं।

 

हरिद्वार के पोस्टल बैलेट में 163, नैनीताल के पोस्टल बैलेट में 198 और टिहरी के पोस्टल बैलेट में 154 ने नोटा पर मुहर लगाई है। गढ़वाल व अल्मोड़ा में भी बड़ी संख्या में मतदाताओं ने नोटा का इस्तेमाल किया है। गढ़वाल व अल्मोड़ा सीटें ऐसी हैं, जहां के सबसे ज्यादा प्रतिशत मतदाता किसी प्रत्याशी को पसंद नहीं करते। अल्मोड़ा में 2.56 व गढ़वाल में 1.57 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा दबाया है।

 

अल्मोड़ा के 7 प्रत्याशियों में भाजपा-कांग्रेस के बाद नोटा के वोट ही तीसरे नंबर पर हैं। बाकी प्रत्याशी नोटा से कम वोट भी हासिल कर पाए हैं। गढ़वाल लोकसभा में भाजपा-कांग्रेस के बाद नोटा के वोट ही तीसरे स्थान पर रहे हैं। हरिद्वार में 14 प्रत्याशी थे लेकिन नोटा यहां 5वें स्थान पर रहा। नैनीताल में नोटा के मत चौथे स्थान पर भी रहे। टिहरी लोकसभा में भी 5वें स्थान पर नोटा रहा है।