उत्तराखंड में दस साल में 14 हजार से अधिक जंगल में आग की घटना, इसमें 23 हजार हेक्टेअर से अधिक क्षेत्रफल में वन संपदा प्रभावित; 17 लोग मारे गए
उत्तराखंड में दस वर्ष में 14 हजार से अधिक जंगल में आग की घटना हो चुकी है, इसमें 23 हजार हेक्टेअर से अधिक क्षेत्रफल में वन संपदा भी प्रभावित हुई। बीते वर्षों में वनाग्नि की घटनाओं में 17 लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।
प्रदेश में वर्ष 2014 से वर्ष 2023 के बीच वनाग्नि की सबसे अधिक घटनाएं साल 2021 में हुई थी। इस साल जंगल में आग की 2,183 घटनाएं हुईं थी और 3943 हेक्टेअर क्षेत्रफल में वन संपदा भी प्रभावित हुई थी। पर वन संपदा प्रभावित होने की दृष्टि से 2018 का वर्ष भारी भी पड़ा था। उस साल 2,150 घटनाओं में 4,480 हेक्टेअर क्षेत्रफल में वन संपदा को नुकसान भी पहुंचा था। जंगल में आग की सबसे कम घटनाएं साल 2020 में हुई थी। साल 2020 में 135 घटनाओं में 172 हेक्टेअर क्षेत्रफल में वन संपदा भी जली थी। दस वर्षों में जंगल की आग से 17 लोगों की मृत्यु भी हुई और 74 लोग घायल भी हुए हैं।
वर्ष | वनाग्नि की घटना | प्रभावित क्षेत्रफल | मानव मृत्यु/घायल |
2014 | 515 | 930 | 17 |
2015 | 412 | 701 | 00 |
2016 | 2074 | 4433 | 631 |
2017 | 805 | 1244 | 01 |
2018 | 2150 | 4480 | 06 |
2019 | 2158 | 2981 | 115 |
2020 | 135 | 172 | 21 |
2021 | 2813 | 3943 | 23 |
2022 | 2186 | 3425 | 27 |
2023 | 773 | 933 | 33 |
- वन संपदा प्रभावित