उत्तराखंड में चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में लगने वाले वाहनों का किराया बढ़ा, पहली बार जेबखर्च भी मिलेगा; अब तक साढ़े तीन करोड़ की नकदी, शराब पकड़ी

उत्तराखंड में चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया में लगने वाले वाहनों का किराया अब बढ़ा दिया है। पहली बार इन वाहनों पर चलने वाले ड्राइवरों को रोजाना 350 रुपये खानपान और मानदेय के रूप में देने का निर्णय लिया गया है। वहीं, इस बार चुनाव आयोग ही वाहनों का डीजल खर्च को वहन करेगा।

 

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में बताया, निर्वाचन टीमों को पोलिंग बूथ तक लेने के लिए जिन वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा, इस बार उनका किराया भी बढ़ाया गया है। पहले छोटे वाहनों के लिए 750 रुपये और बड़े वाहनों के लिए 1,800 रुपये किराया था, जो अब छोटे वाहनों के लिए 1,430 रुपये व बड़े वाहनों के लिए 2,840 रुपये कर दिया गया है।

 

30 सीटर से बड़े वाहनों के लिए 3800 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से किराया भी दिया जाएगा। ईंधन का शुल्क अलग से ही वहन किया जाएगा। वाहन चालकों के लिए पहली बार 150 रुपये प्रतिदिन उनके खानपान के लिए व 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय भी दिया जाएगा। पोलिंग पार्टियों के साथ जाने वाले वाहनों के चालकों को रहने और खाने की व्यवस्था संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से ही की जाएगी।

 

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया की, जानकारी मिली है कि निर्वाचन के समय शादियों की तिथियां भी अब आ रही हैं। इसको देखते हुए सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, आरटीओ व एआरटीओ को निर्देश दिए गए हैं कि इस तरह से वाहनों का प्रबंध करें कि वैवाहिक कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त संख्या में वाहन भी उपलब्ध रहें।

 

अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया, अभी तक इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम (ईएसएमएस) के तहत राज्य में 3 करोड़ 60 लाख की नकदी की जब्ती भी हुई है।

सबसे अधिक जब्ती 81 लाख मूल्य की हरिद्वार में हुई है।

71 लाख मूल्य की जब्ती ऊधमसिंह नगर में हुई है।

67 लाख मूल्य की जब्ती देहरादून में हुई है।

एनडीपीए एक्ट के मामलों में 1 करोड़ 1 लाख मूल्य की जब्ती हुई है।

एक्साइज की 1 करोड़ 3 लाख मूल्य की जब्ती, 48 लाख रुपये कैश की भी जब्ती हुई है।

उत्तराखंड पुलिस ने 3.25 करोड़ मूल्य की जब्ती की है I

आबकारी विभाग ने 27 लाख की जब्ती आचार संहिता लगने के बाद ही की है।