उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद व कांग्रेस के बैनर तले निकली रैली, मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने के लिए कांग्रेस भवन से नगर निगम किया कूच
भाजपा सरकार आती है मलिन बस्तियों पर आफत लाती है -सूर्यकांत धस्माना
- प्रदर्शन व सभा के बाद नगर आयुक्त को सौंपा मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन
- ३० जून तक हल नहीं निकाला तो होगा मुख्यमंत्री आवास कूच-सूर्यकांत धस्मान
- कांग्रेस पूरी ताकत के साथ लड़ेगी मलिन बस्तियों की लड़ाई -डाक्टर गोगी
देहरादून: मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने की मांग को लेकर आज मलिन बस्ती के लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर आया। उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद व महानगर कांग्रेस के आह्वाहन पर आज बुधवार को देहरादून की विभिन्न मलिन बस्तियों के हजारों लोग प्रातः प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एकत्रित हुए व तत्पश्चात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना व महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में नगर निगम के लिए कूच किया।
मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने और मलिन बस्तियों को उजाड़ने के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए मलिन बस्ती वासी राजपुर रोड से होते हुए दर्शनलाल चौक से नगर निगम देहरादून पहुंचे जहां काफी देर तक प्रदशन किया गया व सभा आयोजित की गई। अपने संबोधन में भारतीय जनता पार्टी पर गरीबों के साथ वादा खिलाफी का आरोप जड़ते हुए धस्माना ने कहा कि जब जब प्रदेश में या स्थानीय निकायों में भाजपा सरकारें बनती हैं तब तब गरीबों पर आफत आती है। उन्होंने कहा कि २०१२ में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो गरीबों वा मलिन बस्ती के लोगों से मालिकाना हक का को वायदा कांग्रेस ने किया था उसके अनुरूप मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बाकायदा एक समिति बनाई और उस समिति की रिपोर्ट की संस्तुति पर मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने के लिए नियम कानून बनाए वा जब लोगों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की किंतु २०१७ में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और उसने इस प्रक्रिया को रोक दिया और वर्ष २०१८ में एक पीआईएल पर उच्च न्यायालय के एक आदेश की आड़ ले कर राज्य भर में मलिन बस्तियों को उजाड़ने की साजिश शुरू कर दी जिसका कांग्रेस ने डट कर विरोध किया और मुख्यमंत्री आवास कूच किया तो राज्य की सरकार आनन फानन में एक अध्यादेश ले आई और तब से समय-समय पर मलिन बस्तियों के लोगों को डराया जाता है और चुनावों में मालिकाना हक़ देने का वायदा भाजपा करती है किंतु चुनावों के बाद मलिन बस्तियों की कोई सुध नहीं लेती।
धस्माना ने कहा की आज हम सरकार को दो टूक यह कहने आए हैं कि मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने के कानून पर अमल करो और अगर सरकार ने ३० दिन में मलिन बस्तियों के मालिकाना हक़ के मामले में निर्णय नहीं लिया तो उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद राज्य व्यापी आंदोलन करेगी व विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास कूच किया जाएगा।
धस्माना ने कहा कि आज देहरादून की सभी मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों में दहशत और भ्रम पैदा हो गया है क्योंकि कुछ बस्तियों में निशान लगाए जा रहे हैं यह कह कर कि २०१६ के बाद बसे लोगों को हटाया जाएगा जबकि कई ऐसे मकानों पर भी निशान लगाए गए हैं जो २००० से भी पहले के बने हुए हैं।
धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर आज के कार्यक्रम को फेल करने के लिए विभिन्न थानों की पुलिस ने अपने क्षेत्र की बस्ती के लोगों को रैली में नहीं जाने को कहा और हद तो यह हो गई कि २४ घंटे पूर्व कार्यक्रम की सूचना जिलाधिकारी को लिखित में देने के बावजूद आज सुबह तक कार्यक्रम की लिखित अनुमति नहीं दी गई और पुलिस के अधिकारी कूच निकालने पर मुकद्दमा कायम करने की धमकी देते रहे।
धस्माना ने कहा कि मलिन बस्ती वासियों और गरीब लोगों के लिए उनके ऊपर एक नही सौ मुकद्दमे भी दर्ज कर लिए जाएं तो उनको परवाह नहीं वे मलिन बस्तियों के मालिकाना हक़ की लड़ाई लड़ते रहेंगे।
इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा मलिन बस्तियों के लोगों की लड़ाई लड़ती रही है और अधिकांश मलिन बस्तियां कांग्रेस द्वारा ही बसाई गई हैं इसलिए इनके ऊपर जब भी कोई मुसीबत आती है तो कांग्रेस सबसे पहले आवाज उठाती है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा सरकार मलिन बस्तियों को उजाड़ने की को साजिश कर रही है उसको केंग्रेस किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देगी।
महिला कांग्रेस अध्यक्ष वा राजपुर पार्षद उर्मिला थापा ने कहा कि देहरादून की चालीस प्रतिशत आबादी मलिन बस्तियों में रहती है उनको मालिकाना हक़ देने की शुरुआत कांग्रेस राज में हुई थी किंतु भाजपा जब से आई मलिन बस्तियों पर उनकी कुदृष्टि पड़ी है।
प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्ण सिंह रावत ने कहा की कांग्रेस पार्टी धस्माना के नेतृत्व में मलिन बस्तियों की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएगी।
पार्षद इलियास अंसारी ने कहा कि भगत सिंह कालौनी, रिसपना और बिंदाल नदियों के किनारे बसी मलिन बस्तियां पांच पांच दशक पुरानी हैं उनके मकानों पर भी निशान लगाए जा रहे हैं।
पार्षद अर्जुन सोनकर ने कहा की कांग्रेस पूरी शिद्दत के साथ मलिन बस्तियों की लड़ाई लड़ेगी।
पार्षद नीनू सहगल ने कहा कि हरीश रावत के मुख्यमंत्रित्व काल में जो समिति बनी थी उसके सदस्य के रूप में हमने जो कानून बनवाया था उसको भाजपा सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया।
पार्षद सुमित्रा ध्यानी ने कहा की आज भाजपा राज में मलिन बस्तियों में पानी वा बिजली के नए कनैक्सन नहीं दिए जा रहे।
प्रदर्शन वा सभा के पश्चात धस्माना वा डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने मुख्य नगर आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्ण सिंह रावत, निवर्तमान पार्षदों में नीनू सहगल, उर्मिला थापा, अमित भंडारी, मुकीम अहमद, एतात खान, सुमित्रा ध्यानी, अर्जुन सोनकर, सविता सोनकर, इलियास अंसारी, संगीता गुप्ता. पूर्व पार्षदों में प्रमुख रूप से जगदीश धीमान, ललित भद्री, राजेश उनियाल, राजेश पुंडीर, अरुण वाल्मीकि, दिनेश कौशल, विपुल नौटियाल, अरविंद शर्मा, अनिल शर्मा, आनंद सिंह पुंडीर व विभिन्न मलिन बस्तियों से राइस फातिमा, अनिता दास, शुभम सैनी, संजय भारती, पुरषोत्तम रावत, मनमोहन शर्मा, सावित्री थापा, घनश्याम वर्मा, अनुज दत्त शर्मा, आलोक मेहता, मगन सिंह पुंडीर, सलीम अंसारी, अवधेश कथिरिया, इजहार, जगपाल शर्मा, सोनू काजी, अमीचंद सोनकर, रवीश जमाल समेत हजारों की संख्या में मलिन बस्ती वासी उपस्थित रहे।