अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट में अस्पतालों में प्रसव कराने के सभी निर्देश और दावे हवाई साबित हुए, गंभीर बताकर किया रेफर, CHC ने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ दांव पर लगा दी जिंदगी, एंबुलेंस में हुआ प्रसव

अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट में अस्पतालों में प्रसव कराने के सभी निर्देश व दावे हवाई साबित हुए हैं। सरकारी अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव की उम्मीद में पहुंची गर्भवतियों को हायर सेंटर रेफर करने से जच्चा-बच्चा की जान भी आफत में फंस रही है, इसे देखने वाला कोई भी नहीं है। द्वाराहाट सीएचसी में ऐसा ही एक मामला आया है जब पहले प्रसव पीड़िता को भर्ती किया व बाद में उसे गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर कर दिया। हैरानी है कि हायर सेंटर पहुंचने से पहले की उसका 108 एंबुलेंस में प्रसव भी हुआ। एंबुलेंस कर्मियों ने उसका सुरक्षित प्रसव भी कराया।

 

बीते शुक्रवार को ब्लॉक के तल्ली मिरई निवासी ललिता आर्या (30) को परिजन प्रसव के लिए सीएचसी भी लाए। चिकित्सकों ने उसे भर्ती भी कर दिया। 1 घंटे बाद स्वास्थ्य कर्मियों ने प्रसव कराने से हाथ पीछे खींच दिए व हालत गंभीर बताते हुए हायर सेंटर में रेफर कर दिया। परिजन उसे 108 एंबुलेंस लेकर हायर सेंटर के लिए रवाना हुए। 20 किमी दूर चौकुनी के पास उसकी हालत बिगड़ी तो जच्चा-बच्चा की जान बचाने के लिए एंबुलेंस कर्मियों ने प्रसव कराने की जिम्मेदारी भी उठाई।

 

ईएमटी जीवन भंडारी व चालक दिगंबर सुयाल ने सड़क किनारे एंबुलेंस खड़ी कर बगैर संसाधनों से गर्भवती का सुरक्षित प्रसव भी कराया। उसने स्वस्थ बच्ची को जन्म भी दिया। जच्चा-बच्चा को इसके बाद रानीखेत उप जिला चिकित्सालय में भर्ती भी कराया गया।

 

बीते सोमवार को पालंगबाड़ी की एक गर्भवती प्रसव के लिए सीएचसी चौखुटिया पहुंची। यहां भी उसे गंभीर बताकर हायर सेंटर में  रेफर कर दिया गया। परिजन उसे 108 एंबुलेंस से हायर सेंटर ले जा रहे थे तो उसकी हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस कर्मियों ने सड़क किनारे उसका एंबुलेंस में ही सुरक्षित प्रसव कराया। आए दिन इस तरह के मामले सामने आने पर स्वास्थ्य विभाग व जिम्मेदार स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यशैली पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं।

 

महिला चिकित्सक ने बताया कि प्रसव से पूर्व गर्भवती का अधिक रक्तस्राव भी हो रहा था। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर में रेफर किया गया। -डॉ. रवि शंकर, प्रभारी चिकित्साधिकारी, सीएचसी, द्वाराहाट।