अब 1 अक्तूबर से प्रदेश की पुरानी बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं, इन्हीं को केवल मिलेगी एंट्री
अक्तूबर महीने से परिवहन निगम की बसों के दिल्ली तक पहुंचने की चुनौती भी होगी। निगम के पास बसों का बेड़ा लगातार कम होता ही जा रहा है तो अक्तूबर माह से दिल्ली में केवल यूरो-6, इलेक्टि्क या सीएनजी बसों को ही एंट्री भी मिल पाएगी।
हालांकि, परिवहन निगम का कहना है कि अक्तूबर माह तक बसों का इंतजाम भी पूरा हो जाएगा। दरअसल, एनजीटी के निर्देशों के तहत 1 अक्तूबर से दिल्ली में केवल बीएस-6, इलेक्टि्क या सीएनजी बसों को ही प्रवेश मिलेगा। उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन ने इस पर चिंता भी जताई है। यूनियन के प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी का कहना है कि निगम की बसों की संख्या भी लगातार कम होती जा रही है।
कहा, बोर्ड से अनुमति के बाद भी बस खरीद की प्रक्रिया बेहद सुस्त है। ऐसे में अक्तूबर माह से उत्तराखंड से दिल्ली की रोडवेज बस सेवा प्रभावित होने का खतरा भी है। उनका ये भी कहना है कि दिसंबर में दिल्ली-दून व हरिद्वार-ऋषिकेश के लिए एक्सप्रेस-वे चल जाएगा, जिससे यात्रा का समय करीब 50 प्रतिशत ही रह जाएगा। इसके लिए भी आधुनिक बसों की जरूरत है, जो 24 घंटे यात्रियों को ये सुविधा भी दे सकें।
निगम के पास बीएस-4 मानक की बसों की बड़ी संख्या भी है, जिनका प्रवेश दिल्ली में हो ही नहीं पाएगा। हालांकि, परिवहन निगम प्रबंधन का कहना है कि वर्तमान में निगम के पास करीब 180 बसें बीएस-6 मानकों की हैं। नई बसें आने के बाद इसमें और मजबूती भी आ जाएगी।
हमने 120 नई बसों की खरीद प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। ऑर्डर दिया जा चुका है। इस माह तक बसें मिलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। करीब 100 बसें हम अनुबंधित करने जा रहे हैं, जिसकी प्रक्रिया भी चल रही है। 120 बसों में से बड़ी संख्या में संचालन पहाड़ से दिल्ली तक भी किया जाएगा। अक्तूबर माह में बस संचालन प्रभावित ही नहीं होने दिया जाएगा। -दीपक जैन, महाप्रबंधक संचालन एवं तकनीकी, परिवहन निगम