अगर आप चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं तो गंगोत्री धाम जाते समय गंगनानी कुंड में जरूर जाए, जानिए कैसे पहुंच सकते हैं इस खास जगह
अगर आप चारधाम यात्रा पर आ रहे हैं तो गंगोत्री धाम जाते समय गंगनानी कुंड में जरूर जाए। दरअसल, गंगोत्री मार्ग पर स्थित इस कुंड में 12 महीने पानी गर्म ही रहता है। इस कुंड में स्नान करने से चारधाम यात्रा की सारी थकान भी दूर हो जाती है।
जिला मुख्यालय से करीब 42 किमी की दूरी पर ये गंगनानी नामक स्थान है। यहां गंगोत्री हाईवे के दायीं ओर सीढि़यां चढ़कर पहाड़ पर है ये गंगनानी कुंड। चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु हो या फिर पर्यटक यहां रुककर कुंड में स्नान करना नहीं भूलते हैं।
शुरुआत में कुंड का जल कुछ गर्म सा जरुर लगता है, लेकिन जब कुंड में स्नान के लिए उतरते हैं तो यह ज्यादा गर्म नहीं लगता। बताते हैं कि गंधक व सल्फर युक्त यह गर्म जल शरीर में त्वचा संबंधी चर्म रोग, दाद-खाज और खुजली जैसी तकलीफों को दूर करने में भी सहायक है। यही कारण है कि ऑफ सीजन में भी वर्षभर में यहां पर्यटक पहुंचते रहते हैं। कड़ाके की सर्दी के बीच कुंड के गर्म जल में स्नान का अपना ही एक अलग आनंद रहता है।
गंगनानी कुंड के पास पराशर ऋषि का मंदिर है। पराशर ऋषि एक दिव्य व अलौकिक शक्तियों के ऋषि थे। वह भगवान शिव के अनन्य उपासक भी थे। वह महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास के पिता ही थे। उन्होंने ही वैदिक ज्योतिष शास्त्र का निर्माण भी किया था।
गंगनानी में एक नहीं बल्कि 2 कुंड हैं। जिसमें महिलाएं स्नान करती हैं उसे वशिष्ठ कुंड कहते हैं और जिसमें पुरुष स्नान करते हैं उसे व्यास कुंड कहते हैं। धार्मिक मान्यता है कि यहां पर वेदव्यास के पिता महर्षि पराशर ने हजारों वर्षो तक तपस्या की थी, तब इस गर्म जल का उद्गम भी हुआ।
गंगनानी गर्म कुंड जिला मुख्यालय से करीब 42 किमी की दूरी पर है। जहां के लिए बस और टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। वाहन पार्क सीढि़यां चढ़कर दायीं ओर पहाड़ पर बने कुंड में पहुंचा जाता है। वर्तमान श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कुंड में होटल और रेस्टोरेंट का निर्माण हो गया है।